Types of Trading In Hindi - ( शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के प्रकार )

 Types of Trading In Hindi - ( शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के प्रकार )



क्या आप ट्रेडिंग करना चाहते हैं लेकिन कंफ्यूज हैं कि कौन सा तरीका आपके लिए सही रहेगा?

शेयर मार्केट में पैसा बनाना जितना आकर्षक लगता है, उतना ही रिस्की भी हो सकता है — अगर आपको ट्रेडिंग के प्रकार (Types of Trading In Hindi) की सही समझ नहीं हो।

आज इस ब्लॉग में हम आपको Trading के हर एक प्रकार को आसान भाषा में समझाएंगे: किसके लिए क्या बेहतर है, कितना रिस्क होता है, और कैसे शुरू करें।

ट्रेडिंग क्या होती है? (What is Trading in Hindi)

ट्रेडिंग का मतलब होता है शेयर बाजार में शेयरों को खरीदना और बेचना, जिससे प्रॉफिट कमाया जा सके। ट्रेडिंग कई प्रकार की होती है, और हर ट्रेडिंग की एक अलग रणनीति होती है।ट्रेडिंग स्टार्ट करना है तो उसका पूरा नॉलेज होना जरूरी है तभी आप यहां से प्रॉफिट बनाकर जा सकते हो।

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के प्रकार | Types of Trading In Hindi


How Many Types of Trading In Share Market In Hindi : दोस्तों अगर आप शेयर बाजार में आने की सोच रहे है तथा एक्स्ट्रा इनकम सोर्स बनाना चाहते है ,लेकिन आप के मन में यह सवाल है कि शेयर बाजार में कोनसे तरीके से ट्रेडिंग की जाए ! आपकी जानकारी के लिए बता देकी शेयर मार्केट में कहीं प्रकार के ट्रेडिंग मौजूद है, जिनमे से आप अपनी पसंद और लक्ष्य को ध्यान में रखकर किसी भी प्रकार का ट्रेडिंग कर सकते है !

मित्रों ट्रेडिंग करने के अलग – अलग तरीके आपको मिल जायेंगे ,लेकिन हर ट्रेडिंग स्टाइल के अपने फायदे और नुकसान है ! आपको शेयर बाजार की बेसिक जानकारी लेकर उस ट्रेडिंग के प्रकार को खोजना चाहिए जो आपके लिए उपयुक्त हो ! जब भी आप कोई ट्रेडिंग स्टाइल चुने उससे पहले आपको यह पता होना चाहिए की उसके फायदे और नुकसान क्या है ! एक बार ट्रेडिंग स्टाइल को चुनने के बाद आपको उस पर कुछ महीनो या साल के लिए नॉलेज हासिल करना चाहिए और उसके बाद ही ट्रेडिंग करनी चाहिए ! दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले है कि शेयर बाजार में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है ! तो आइये शुरू करते है Types of Trading In Hindi

Types of Trading In Hindi - ( शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के प्रकार )

1️⃣ इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)

इंट्राडे ट्रेडिंग को डे ट्रेडिंग भी कहाँ जाता है। इस प्रकार की ट्रेडिंग में आपको किसी भी स्टॉक को एक ही दिन में खरीदना और बेचना होता है। इंट्राडे में ट्रेडर अपने शेयर को कुछ मिनट , घंटो आदि के लिए होल्ड रखते है और बाजार के बंद होने से पहले अपने शेयर्स को बेच देते है ! इस प्रकार की ट्रेडिंग में मोमेंटम का फायदा उठाया जाता है !मगर रिस्क भी उतना ही होता है।

अगर आप शेयर बाजार में इंट्राडे ट्रेडिंग करना चाहते है, तो सबसे पहले आपको कुछ महीने या साल के लिए इसके के बारे में पूरी जानकारी समझ लेना चाहिए। क्योंकि दोस्तों इंट्राडे ट्रेडिंग काफी ज्यादा रिस्की है , यहाँ आप एक दिन के लाख रूपये कमा भी सकते है और गँवा भी सकते है ! इसलिए इस प्रकार की ट्रेडिंग में आने से पहले आपको इसके बारे में जान लेना चाहिए ।

फायदा: तेज़ मुनाफा 

नुकसान: बहुत ज़्यादा रिस्क और attention चाहिए


2️⃣ डिलीवरी ट्रेडिंग (Delivery Trading)

मित्रों डिलीवरी ट्रेडिंग को हम इन्वेस्टमेंट करना भी कह सकते है। क्योंकि इस प्रकार की ट्रेडिंग में तकरीबन 1 साल से लेकर 10 या 20 साल के लिए किसी स्टॉक को होल्ड रखकर बेचा जाता है। जो व्यक्ति इस प्रकार की ट्रेडिंग करते है उनका लक्ष्य लम्बे समय में वेल्थ क्रिएट करना होता है।

अगर आप डिलीवरी ट्रेडिंग करना चाहते है तो ऐसे ही किसी अच्छी कम्पनी के स्टॉक्स को ख़रीदे।किसी स्टॉक को खरीदने से पहले उस कम्पनी के फंडामेंटल को अच्छी तरह से जान ले ! यह जान ले की उस कम्पनी का P & L अकाउंट , Balance Sheet तथा PE रेशियो आदि क्या कहते है। इसके अलावा अपनी सारी कैपिटल को किसी एक स्टॉक में निवेश न करके अलग कम्पनियों के स्टॉक में निवेश करना सही रहता है।

फायदा: Dividend और long-term returns

नुकसान: Fast profit नहीं मिलता

3️⃣ पोजिशनल ट्रेडिंग ( Positional Trading )


दोस्तों इस प्रकार की ट्रेडिंग में ट्रेडर्स अपने स्टॉक को कुछ दिन से लेकर कुछ महीने के लिए होल्ड करके रखते है। यह एक साल से कम अवधि का होता है। यह ट्रेडिंग इंट्राडे ट्रेडिंग से थोड़ी कम रिस्की है क्योंकि इसमें हर दिन होने वाले उतार – चढाव का ज्यादा प्रभाव नहीं होता है। जो बड़े ट्रेडर्स होते है वे ज्यादातर अपनी पोजीशन को कुछ समय के लिए होल्ड रखकर ही ट्रेडिंग करते है और मोटा पैसा बनाते है। बस इस ट्रेडिंग में पेशेंस होना जरूरी है।

4️⃣ स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)

इस प्रकार की ट्रेडिंग में किसी स्टॉक को कुछ दिनों से लेकर कुछ सप्ताह के लिए होल्ड रखा जाता हैइस प्रकार की ट्रेडिंग में ट्रेडर्स थोड़े समय में होने वाले अप ट्रेंड और डाउन ट्रेंड को ध्यान में रखकर ट्रेडिंग करते है अगर आपके पास अधिक कैपिटल है, और आप इंट्राडे ट्रेडिंग नहीं करना चाहते है तो आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग एक अच्छा विकल्प है क्योंकि यह थोडा कम रिस्की है इसमें अधिक कैपिटल लगाकर कम समय में होने वाले ट्रेंड का फायदा उठाया जाता है और पैसा कमाया जाता है।Price में होने वाले swing (उतार-चढ़ाव) को पकड़कर 2–10 दिनों तक शेयर होल्ड किया जाता है।


5️⃣ फ्यूचर ट्रेडिंग (Future Trading)

जैसा कि नाम से ही पता चलता है future के लिए की जाने वाली ट्रेडिंग को फ्यूचर ट्रेडिंग कहते हैं। यह F&O या डेरिवेटिव ट्रेडिंग के अंतर्गत आती है। इसमें आपको भविष्य के किसी निश्चित समय पर किसी निश्चित मूल्य पर किसी शेयर के फ्यूचर को खरीदने या बेचने के लिए पहले ही समझौता करना पड़ता है।

फ्यूचर ट्रेडिंग एक कॉन्ट्रैक्ट होता है जिसमें आपको खरीदे गए शेयर को समय खत्म होने से पहले sell करना पड़ता है। जिस प्राइस पर अपने फ्यूचर के लिए शेयर खरीदा है उसे फ्यूचर प्राइस कहते हैं और और जितने समय के लिए उसे खरीदा है उसे डिलीवरी डेट कहते हैं।

 6️⃣ Scalping Trading


स्कैल्पिंग ट्रेडिंग में आपको इंट्राडे ट्रेडिंग से भी अधिक तेजी से निर्णय लेने की क्षमता होनी चाहिए। इस प्रकार की ट्रेडिंग में किसी स्टॉक को कुछ सेकण्ड से लेकर कुछ मिनटों में बेच दिया जाता है। Scalping Trading छोटे – छोटे मूवमेंट का फायदा उठाने के लिए की जाती है। इस ट्रेडिंग में ट्रेडर्स अधिक कैपिटल के साथ ट्रेडिंग करते है। अगर आप यह ट्रेडिंग करते है तो इसमें आपको बहुत अधिक सावधान रहने की जरूरत होती है , क्योंकि यह काफी ज्यादा रिस्की है।

यह शेयर मार्केट ट्रेडिंग का वह तरीका है जिसमें आप बहुत कम पैसों से भी शुरुआत कर सकते हैं।

कौन सी ट्रेडिंग आपके लिए सही है?


Trading Level

Type Of Trading

Beginner

Delivery, Positional

Job wale

Swing

Advance trader

Intraday, Scalping


ट्रेडिंग शुरू करने के लिए ज़रूरी चीजें

  • Demat और Trading Account (Zerodha, Upstox आदि)
  • Basic Technical Chart knowledge
  • Time & Discipline
  • Patience (for long-term gains)

FAQs – शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के प्रकार से जुड़े सामान्य प्रश्न

Q1: ट्रेडिंग के लिए कौन सा तरीका सबसे अच्छा है?

उत्तर: यह आपके अनुभव और समय पर निर्भर करता है। अगर आप नए हैं, तो डिलीवरी या पोजिशनल ट्रेडिंग से शुरू करें। अनुभवी ट्रेडर्स के लिए इंट्राडे, स्कैल्पिंग और एल्गो ट्रेडिंग बेहतर हो सकते हैं।

Q2: क्या इंट्राडे ट्रेडिंग से रोजाना कमाई संभव है?

उत्तर: हां, लेकिन इसमें हाई रिस्क होता है। इंट्राडे से रोजाना कमाई हो सकती है, लेकिन इसके लिए मार्केट की समझ, अनुभव और स्ट्रैटेजी जरूरी है।

Q3: डिलीवरी ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में क्या फर्क है?

उत्तर:

  • डिलीवरी ट्रेडिंग में आप शेयर को हफ्तों या महीनों तक होल्ड करते हैं।
  • स्विंग ट्रेडिंग में 2 से 10 दिन के भीतर price swing का फायदा उठाकर ट्रेड किया जाता है।

Q4: Scalping ट्रेडिंग क्यों मुश्किल मानी जाती है?

उत्तर: स्कैल्पिंग में बहुत तेज़ निर्णय लेने पड़ते हैं और दिनभर स्क्रीन पर निगाहें रखनी पड़ती हैं। इसमें बहुत ज़्यादा discipline और focus चाहिए।

Q5: ट्रेडिंग शुरू करने के लिए कितने पैसे चाहिए?

उत्तर: आप ₹500 से ₹1000 से भी शुरू कर सकते हैं, लेकिन बेहतर अनुभव और रिटर्न के लिए ₹5,000–₹10,000 तक का कैपिटल सही रहता है।

Q6: ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट में क्या फर्क है?

उत्तर:

  • ट्रेडिंग: Short-term (दिनों या हफ्तों) में प्रॉफिट कमाने की कोशिश।
  • इन्वेस्टमेंट: Long-term wealth बनाने की सोच (सालों तक होल्ड)।

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